लेखनी कहानी -31-Dec-2022
वो अपनी क़िस्मत आजमा रहे है।
मुझसे कह रहे,आप अपना बना रहे है।
मैंने इश्क़ की बादशाहत कब की खो दी।
देखो वो मुझे कैसे पागल बना रहे है।
एक तूने समझा होता अगर मुझे।
तो ये भी खामोश होते जो मुझे खामोश करा रहे है।
गुज़रे पल सुकूँ दे जाते है।
बस वो लम्हें सोच सोच मुस्कुराते जा रहे है।
उम्मीदों का सिलसिला जारी न रहा।
ज़िंदगी है,जीनी है, बस ये सोचकर जीते जा रहे है।
#Abhiwrites ❣
Shashank मणि Yadava 'सनम'
14-Jan-2023 11:59 AM
बहुत ही सुंदर सृजन
Reply
Varsha_Upadhyay
03-Jan-2023 08:34 PM
शानदार
Reply
Haaya meer
01-Jan-2023 09:14 PM
👌👌
Reply